वाराणसी: सियाचिन हिमनद में हिमस्खलन के बाद 25 फुट मोटी बर्फ की परत के नीचे दबा सेना का जवान हनुमन थप्पा चमत्कारिक रूप से छह दिनों बाद जिंदा तो मिला, लेकिन उसकी हालत अभी गंभीर बनी हुई है। हनुमन थप्पा का दिल्ली के आर.आर.अस्पताल में उपचार चल रहा है और दुख की ऐसी घड़ी में पूरे देश के साथ- साथ काशी में विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में जवान के स्वस्थ होने की प्रार्थना की गयी।
देश की सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों के कारण ही आज पूरा देश सुरक्षित है और इसलिए आज गंगा सेवा निधी द्वारा होने वाली इस विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में मौत को हराकर जिंदा लौटे हनुमन थप्पा के जल्द स्वस्थ होने की कामना के लिए प्रार्थना की गई। साथ ही लोगों ने हिमस्खलन में मारे गये छ जवानों को यहां दीपदान कर श्रृद्धांजलि भी अर्पित किया। पूरे देश के साथ सम्पूर्ण काशीवासी भी जवानों के परिजनों के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं।
3 फरवरी को सियाचिन में भारी हिमस्खलन में 10 जवान लापता हो गये थे। जिसके बाद सभी जवानों की मारे जाने की पुष्टि कर दी गई थी। लेकिन हनुमन थप्पा मौत को जकमा देकर बर्फ की मोटी चादर के नीचे जिंदा मिले थे। सेना के इस बहादुर जवान के स्वास्थ्य लाभ के लिए गंगा आरती में खास तरह की पूजा की गई।