वाराणसी: विश्वप्रसिद्ध संकट मोचन संगीत समारोह में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित और कलाकार गुलाम अली को न्यौता देने के का मामला तूल पकड़ता ही जा रहा है। हिंदू युवा वाहिनी के बाद भाजपा और शिवसेना भी इस प्रकरण में कूद पड़ी है। गुलाम अली के विरोध में शिवसेना ने वाराणसी में जगह-जगह पोस्टर लगा दिए गए हैं जिसमें लिखा है कि काशी से गुलाम अली वापस जाओ।
संकट मोचन के महंत विश्वंभर नाथ मिश्र ने 26 अप्रैल से शुरू हो रहे संकट मोचन संगीत समारोह में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित और गायक गुलाम अली को न्यौता दिया है। गुलाम अली संगीत समारोह की पहली निशा में अपनी प्रस्तुति देंगे।
बता दें कि, इसी संकट मोचन मंदिर 7 मार्च, 2006 को आतंकियों ने विस्फोट किया था जिसमें कई बेगुनाह मारे गए थे। मंदिर में विस्फोट पाकिस्तान के इशारे पर भारत में मौजूद आतंकी संगठनों ने किया था।
शुक्रवार की सुबह शिव सेना कार्यकर्ताओं ने ग़ुलाम अली के विरोध की हुंकार भारी और जगह जगह पोस्टर चिपका के अपना विरोध प्रदर्शन कियाA बताते चले कि पिछेले साल भी गुलाम अली संकटमोचन समारोह में शिरकत किये थे। लेकिन समारोह में उनके द्वारा गए गए एक गाने "हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है "को लेकर काफी विवाद हुआ था।