वाराणसीः पीएम नरेंद्र मोदी 14 और 15 जुलाई को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रहेंगे। उनके दौरे के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई है। राजातालाब स्थित सभा स्थल पर ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जा रही है। स्पेशल कमांडोज के अलावा एंटी माइंस टीम ने भी मैदान में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए हैं। राजातालाब में होने वाले सभा स्थल पर तैयारियों का आलाधिकारियों ने जायजा लिया। उनके साथ बीजेपी संगठन के लोग भी थे।
पीएम मोदी इस दौरे में करीब 937 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर वाराणसी की जनता को सौगात देंगे।
पीएम नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र के 13वें दौरे पर 14 जुलाई को वाराणसी पहुंच रहे हैं। पीएम अपने संसदीय क्षेत्र सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश को सौगात देने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री के इस दौरे में बारिश का खलल किसी भी तरह न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने मुकम्मल इंतज़ाम किये हैं।
डीएम सुरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि पीएम का सभास्थल राजातालाब तहसील का कचनार गांव होगा। इस सभास्थल पर सभी कार्य जोर शोर से चल रहे हैं। इसी मंच से 937 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
बरसात की वजह से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में व्यवधान ना हो इसका पूरा ख्याल रखा गया है। यहां बनाये जा रहे पंडाल को पूरी तरह से वाटरप्रुफ रखा गया है। साथ भी तेज बारिश अगर हो तो पानी की निकासी के लिये ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया गया है, जिसके जरिये बरसाती पानी जनसभा स्थल के आस-पास इकट्ठा होने के बजाये ड्रेनेज सिस्टम के जरिये समीप के तालाब में जाकर गिरेगा।
डीएम सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि सभास्थल से कुछ ही दूरी पर बने पैरिशेबल कार्गो का लोकार्पण भी प्रधानमंत्री करेंगे। इस कार्गो का निर्माण कंटेनर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया ने करवाया है।
इसमें किसान को अपने उत्पादों को सुरक्षित रखने की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा अमृत योजना, गेल इंडिया द्वारा संचालित ऊर्जा गंगा योजना, कैंसर हास्पिटल, घाटों का सुन्दरीकरण और पंचकोसी मार्ग के सुन्दरीकरण सहित 33 योजनाएं शामिल हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री अपने वाराणसी दौरे के दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल, बड़ा लालपुर में बनारस के प्रबुद्धजनों से संवाद भी करेंगे।
एसएसपी के मुताबिक प्रधानमंत्री के प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए जो भी सुरक्षा के इंतजाम जरूरी होते हैं वह सारे तो किए ही जा रहे हैं। इसके अलावा अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों से भारी संख्या में फौज की मौजूदगी 2 दिनों तक बनारस में बनी रहेगी।