मेरठ. यूपी पुलिस से रिटायर्ड एक कॉन्स्टेबल चहन सिंह ने बसपा की सरकार में मंत्री रहे याकूब कुरैशी से अपमान का बदला लेने के लिए उनके खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। बता दें कि चहन सिंह ने शिव सेना के सिम्बल पर चुनाव लड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
मरते दम तक नहीं हटेंगे पीछे
-उनका कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ उनके अपमान की नहीं है, यह लड़ाई यूपी पुलिस के स्वाभिमान की है।
-उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें अपनी जान का भी खतरा है, लेकिन वह मरते दम तक पीछे नही हटने वाले हैं।
हापुड़ अड्डे का है मामला
-चहन सिंह का कहना है कि वह बीते 17 फरवरी 2011 को वह अपने साथी पुलिसकर्मियों के साथ हापुड़ अड्डे पर ड्यूटी दे रहे थे।
-अधिकारियों से उन्हें आदेश मिला था कि ब्रह्मपुरी की ओर से रविदास जयंती जुलूस आ रहा है, इसलिए किसी भी चार पहिया वाहन को उस दिशा में जाने नहीं दिया जाए।
-इस आदेश के पालन में उन्होंने एक सफेद जीप को जाने से रोक दिया।
-चहन सिंह का आरोप है कि उस सफेद जीप को रोकने के बाद जीप सवार लोगों ने तत्कालीन बसपा सरकार के मंत्री याकूब कुरैशी को बुला लिया।
-जिस पर मंत्री याकूब अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए।
मंत्री ने मारा थप्पड़
-चहन ने बताया कि पूर्व मंत्री ने उनके साथ गाली गलौज करते हुए उन्हें थप्पड़ मार दिया, उनकी वर्दी भी फाड़ दी गई।
-उस समय उन्होंने एसपी सिटी के दफ्तर में पूरी घटना की लिखित में तहरीर दी।
-जिस पर एसपी सिटी ने मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
अधिकारियों ने रोका वेतन
-बाद में तहरीर पर तो कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन उन्हें इस मामले को खत्म करने की सलाह दी गई।
-सत्ता के दबाव में अधिकारियों ने उनका वेतन भी रोक दिया, कोर्ट में जाने के बाद वेतन तो मिलने लगा, पर शोषण जारी रहा।
-अधिकारियों के रवैये से परेशान चहन सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया।
हाईकोर्ट है मामला
-उन्होंने बताया कि कुरैशी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह मामला फिलहाल पेंडिंग है।
-चहन सिंह का कहना है कि उन्हें झूठे केस में फंसाया गया। जान से मारने की नीयत से गोली चलाई गई।
-मंत्री के दबाव में काम कर रही पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की जगह असंज्ञेय अपराध बताकर मामले को खत्म कर दिया।
पूरी पुलिस के लिए लड़ रहे हैं लड़ाई
-अब रिटायर्ड सिपाही चहन सिंह का कहना है कि वह सिर्फ अपने स्वाभिमान के लिए नहीं लड़ रहे हैं।
-यह लड़ाई फोर्स के उन सभी साथियों के लिए है जिनकी आवाज दबा दी जाती है।
-उनका कहना है कि अगर वह चुनाव जीत गए तो एक ऐसा कानून बनवाने का प्रयास करेंगे, जिससे वर्दी पर कोई हाथ न उठा पाए।