उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में नोटबंदी के खिलाफ 'भारत बंद' का कुछ खास असर नहीं देखने को मिला। इसके बावजुद नोटबंदी के खिलाफ विपक्षी पार्टियों द्वारा भारत बंद के आह्वाहन पर आज पीएम के संसदीय क्षेत्र में बन्दी का अनोखा विरोध देखा गया।
कुछ व्यापारियों को छोड़कर सारे व्यापारी इस बन्दी के खिलाफ दिखें। एक दुकान के बाहर पोस्टर लगाकर और दुकानों को खोलकर लोगों ने बन्दी का विरोध करते दिखे। उस पोस्टर पर लिखा हैं " काला धन तुम्हारा डूबा तो हम दूकान क्यों बन्द करें। इसके अलावा तो कुछ ने एक दूसरे को गुलाब के फूल के साथ तिरंगा झंडा देकर दूकान खोलने वालों का धन्यवाद किया है।
वाराणसी में नोटबंदी का असर
वाराणसी में नोटबंदी का कोई असर देखने को नहीं मिला है। बता दें कि वाराणसी के कोदई चौकी इलाके में बिजली के उपकरण से लेकर सभी सामानों की बिक्री होती है। आमतौर पर यहां दुकानें 11 बजे से खुलना शुरू होती हैं मगर आज यहाँ के दुकानदार सुबह दस बजे से ही दूकान खोल दुकानदारी शुरू कर दिए हैं। ख़ास बात यह है कि ये सभी दूकानदार अपने दुकानों के बाहर एक पोस्टर लगाए हुए हैं, उस पोस्टर पर लिखा हैं कि 'काला धन तुम्हारा डूबा तो हम दूकान क्यों बन्द करें। दुकानदारों का कहना है कि बनारस के 80 प्रतिशत दुकानदार इस बन्दी के विरोध में हैं मोदी ने 50 दिन का समय माँगा है जो देना चाहिए। इस नोट बन्दी से काला धन रखने वालों को परेशानी है हमें नहीं ।
कानपुर में नोटबंदी का असर
नोटबंदी के विरोध में आज देश बन्द का असर कानपुर के बाज़ारों में भी देखने को नहीं मिला। रोज की तरह आज भी सभी प्रमुख बाज़ार खुले रहें। भारत बन्द पर जब अलग-अलग व्यापारियों से बात की तो पहले वो यही बोले कि हमें जानकारी ही नहीं है कि आज बन्द है, आप लोगों से ही पता चला कि आज बन्दी है।
उत्तराखण्ड में नोटबंदी का असर
उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रो में भी भारत बंद का कोई भी असर देखने को नहीं मिला। श्रीनगर, गढ़वाल में प्रतिदिन की भांती आज भी दुकानदार अपनी दुकान खोलकर व्यापार करते नजर आये। वहीं दुकानदार प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिये गये फैसले को सही मान रहे हैं। उनका कहना था कि भ्रष्टाचार व कालेधन को समाप्त करने के लिए इस प्रकार के ठोस कदम उठाने चाहिए।