नई दिल्लीः तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने नेहरु और जिन्ना को लेकर दिए अपने उस बयान पर खेद जताया है। उन्होंने कहा कि अगर उनके बयान में कुछ गलत है तो वो माफ़ी मांगते हैं। दलाई लामा ने कहा, मेरा बयान अचानक विवादास्पद हो गया और अगर कुछ ग़लत है तो मैं माफ़ी मांगता हूं।
बुधवार को गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के एक कार्यक्रम में दलाई लामा ने दावा किया था महात्मा गांधी चाहते थे कि मोहम्मद अली जिन्ना प्रधानमंत्री बनें लेकिन पंडित नेहरु इसके लिए तैयार नहीं हुए।
दलाई लामा ने कहा कि तब प्रधानमंत्री बनने की चाहत में नेहरु ने आत्मकेंद्रित रवैया नहीं अपनाया होता तो देश का बंटवारा नहीं होता।
इस पर कांग्रेस नेता शाक्ति सिंह गोहिल ने नेहरू और जिन्ना को लेकर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के बयान के पीछे केन्द्र की मोदी सरकार का हाथ होने की आशंका जताई है।
उन्होंने कहा कि दलाई लामा को बहुत सम्मान की निगाह से देखता हूं और किसी धर्मगुरु के खिलाफ कोई बयानबाजी में विश्वास नहीं करता हूं। सच्चाई सामने जरूर आएगी और पता चलेगा कि कैसे बयानबाजी के पीछे कोई ना कोई मोदी की चाल जरूर निकलेगी।
वहीं बीजेपी नेता सीपी ठाकुर ने कहा कि ये दलाई लामा जी की ऐसी सोच है लेकिन ऐसी समस्या हो गई थी कि जिन्ना जी भी नहीं सोच सकते थे कि हिन्दुस्तान के पीएम बनेंगे।