परमाणु हथियारों का पहले उपयोग ना करने की बात पर आज भी चीन डटा हुआ है। बता दें कि चीन की ओर से यह बयान लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने के बाद आया है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 12,000 किलोमीटर तक है।
यांग ने कहा कि ‘यह बताने की जरूरत है कि चीन स्व-रक्षा की परमाणु नीति का अनुसरण करता है। परमाणु हथियारों का पहले उपयोग नहीं करने की उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।’
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल यांग यूचिन ने कहा है कि, चीन पाॅवरफुल देश है इसलिए वह अकेले की वैज्ञानिक परीक्षण करने का इच्छुक है, ‘चीन को अपनी सीमा के भीतर वैज्ञानिक परीक्षण करने का वैधानिक अधिकार रखता है।